tag:blogger.com,1999:blog-2225255613261524089.post1688788348069140147..comments2023-09-04T18:45:22.824+05:30Comments on बतकुचनी: रेडियो की शक्ल इख्तियार करता एनडीटीवी इंडियाबतकुचनीhttp://www.blogger.com/profile/00991853370935987702noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-2225255613261524089.post-48422526183106951712012-05-04T12:10:26.901+05:302012-05-04T12:10:26.901+05:30http://forum.bola.net/topic/5689-replica-watches-m...http://forum.bola.net/topic/5689-replica-watches-montreal/index.php?app=forums&module=post&section=post&do=reply_post&f=3&t=5689<br />http://livedisc168.com/phpBB/posting.php?mode=reply&t=54965Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2225255613261524089.post-9095300575652877132011-09-09T00:28:14.897+05:302011-09-09T00:28:14.897+05:30मीडिया को कोसने के सिवा हम क्या करें चाहे वह कोई च...मीडिया को कोसने के सिवा हम क्या करें चाहे वह कोई चैनल हो।चंदन कुमार मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/17165389929626807075noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2225255613261524089.post-5175294226815131962011-09-08T18:54:54.707+05:302011-09-08T18:54:54.707+05:30आप का लेख काफी अछा होता है... एन डी टी वी के बारे ...आप का लेख काफी अछा होता है... एन डी टी वी के बारे में आप ने बिलकुल सही लिखा है.. वेसे फिलहाल सभी चैनलों का यही हाल है..mahfuz alamhttps://www.blogger.com/profile/16361221820151082665noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2225255613261524089.post-7869161464601639202011-09-08T18:54:22.853+05:302011-09-08T18:54:22.853+05:30आप का लेख काफी अछा होता है... एन डी टी वी के बारे ...आप का लेख काफी अछा होता है... एन डी टी वी के बारे में आप ने बिलकुल सही लिखा है.. वेसे फिलहाल सभी चैनलों का यही हाल है..mahfuz alamhttps://www.blogger.com/profile/16361221820151082665noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-2225255613261524089.post-9799660610213653942011-09-08T10:11:34.655+05:302011-09-08T10:11:34.655+05:30आपका लेख पढ़ा, औऱ फिर आपका ब्लॉग भी...तमाम अच्छी र...आपका लेख पढ़ा, औऱ फिर आपका ब्लॉग भी...तमाम अच्छी रचनाएं, हालांकि एनडीटीवी वाले लेख में मुझे लगता है कि और तमाम बिंदु रखे जाते तो शायद आप अपने लेख को ज़्यादा प्रभावी और विश्लेषण युक्त बना पातीं। दरअसल आप जिस तथ्य को लेकर लेख लिख रहे हैं, उसको लेकर तमाम सपोर्टिंग एविडेंसेस का एक साथ और ज़्यादा उदाहरणों सहित होना ज़रूरी लगता है। एक बार फिर लेख पढ़ कर देखिएगा, मुझे कहीं कुछ मिसिंग लगा है, हो सकता है आपको भी लगे, मैं भी अगले मेल में मिसिंग फैक्ट्स या एलीमेंट्स बताऊंगा...आप भी सोच के रखें, और बताइएगा...<br />हां बाकी ब्लॉग पोस्ट्स में कुछ वाकई अच्छी हैं।बतकुचनीhttps://www.blogger.com/profile/00991853370935987702noreply@blogger.com