आज पीजी में बैठकर हम सब टीवी देख रहे थे। सब किसी न किसी बात पर कमेंट कर रहे थे एक मैं ही खामोश थी। अनीता ने पूछा क्या हो गया, मैंने कहा, यार मरने का मन कर रहा है। परेशान हो गई हूं । हर तरफ से..हर किसी से और हर कोई मुझसे।
उसने पूछा क्या हुआ, मैंने कहा कुछ नहीं..कभी-कभी ऐसा होता है न। उसने कहा हां ऐसा होता है, पर जब मेरे साथ ऐसा होता है तो मेरी मां मुझे खड़ा कर देती है। मैंने पूछा मतलब..उसने कहा संभाल लेती है।
उसे देखा...उसके बाद न तो कोई सवाल था और न ही जवाब....। ये एक ऐसी कमी है जिसे अब कभी पूरा नहीं कर सकती...।
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