जितनी बार उससे मिलती हूं, वो और क़रीब आ जाती है. उसे बिल्कुल भी नहीं पता की मेरा उससे रिश्ता क्या है, पर मुझे देखते ही बांहें फैला देती है...उसके दिल की खुशी उसकी चीखों और मुस्कान से पता चल जाती है.
उसे नहीं पता की मैं उसकी दीदी हूं, पर मेरे बार-बार अनुरोध करने पर की उसे इस बात का अंदाज़ा है कि मुझे ये सुनना पसंद है, सो वो ऐसा ही करती भी है. ज्यादा शब्द नहीं जानती, पर उन कुछ एक में मैं शामिल हूं.
मैं घुटनों में सिर छिपाकर रोने का नाटक करूं तो वाकई आंखों से आंसू बहाने लग जाती है...वो दूर हो और मैं आंखें मूंदकर उससे पूछूं कि मेरा बाबू कहां है...तो अपनी चीख से ये जताती है कि वो ही मेरी बाबू है. उसे चिड़िया शब्द से ख़ास लगाव है.
मेरी आठ महीने की बहन...उसके साथ बकइंयां खींचती हूं, चिल्लाती हूं, उसके जैसे नाटक करती हूं...शायद इसीलिए वो मुझे अपने करीब महसूस करती है. पर उसकी एक मुस्कान बहुत सी कड़वी बातें भुला देती है.
वो वाकई एक एहसास है, जिसे शब्दों में जितना भी ढालने की कोशिश करूं, कामयाब नहीं हो पाउंगी...उसका मेरे पीछे-पीछे चलना, कंघे पर सिर रखकर सो जाना, गोद में बैठकर गाना सुनना और मेरे छिप जाने पर पागलों की तरह खोजना...सब कुछ बेहद प्यारा है.
अर्का,यही नाम है मेरी नन्ही परी का. भगवान तुम्हे हर सुख दें...चाहती तो नहीं हूं कि तुम बड़ी हो, पर ये मेरे बस में नहीं...तुम्हारे आ जाने से बहुत कुछ नया सीख रही हूं और वाकई खुद को प्यार से भरपूर पा रही हूं. तुम हमेशा मुस्कुराती रहो, मेरी...
3 comments:
आपकी लिखी रचना बुधवार 20 अगस्त 2014 को लिंक की जाएगी........
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
बहुर सुन्दर शब्दों में बांधा है अपने अनुभव को |बधाई स्वीकार करें |
wow so sweet
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