सलमान मैंने आपकी कोई फिल्म थिएटर में नहीं देखी...मुझे लगता है की आपको एक्टिंग नहीं आती है. आपकी फिल्मों में कहानी नहीं होती है. बिना मतलब का डांस, रोमांस, मज़ाक और नौटंकी होती है.
मैं उन्हें घर पर डाउनलोड करके देखना भी नहीं पसंद करती...बहुत पकाउ होती हैं, आपकी फिल्में...ऐसा मुझे लगता है. पर आप मुझे हीरो लगते हैं. एक हीरो जो, न तो शाहरूख जैसा रोमांस कर पाता है, न ही अमिताभ जैसा भाव ला पाता है, न उनके जैसा बोल पाता है, न ही रितिक और शाहिद सा डांस कर पाता है, न तो अक्षय जैसा रियल एक्शन कर पाता है और न ही अजय देवगन जैसे आंखों से कमाल कर पाता है.
पर आप मुझे बहुत पसंद हैं. इन सारे अभिनेताओं की फिल्में मैंने हाॅल में देखी हैं, पर आपकी नहीं. लेकिन इनमें से किसी को भी लेकर वो भरोसा कभी कायम नहीं कर सकी की, ये इसी दुनिया के प्राणी हैं और मैं कभी इनसे किसी तरह की मदद के लिए गुहार लगा सकती हूं.
कभी नहीं...पर आपको लेकर ये भरोसा कब और कैसे हुआ ये मुझे नहीं पता...सलमान आपके बारे में पढ़-पढ़कर और सुन-सुनकर ये जाना की आप दोस्तों के दोस्त और ज़रूरतमंदों के लिए उम्मीद भरा हाथ हैं. मैंने आपसे काॅन्टेक्ट करने के लिए कई तरह की वेबसाइट भी सर्च की थी पर कामयाबी नहीं मिली थी.
पर ये उम्मीद हमेशा रही और आज भी है की आपसे मदद मांगने के लिए केवल आपसे मिलने भर की देरी है, आप दिख जाएंगे तो मदद हो जाएगी.
13 साल पहले मैं बहुत छोटी थी. इतनी छोटी की अक्षर जोड़कर पढ़ती थी. आपके बारे में बस टीवी पर ही देखा था. तब आपको लेकर बहुत गुस्सा था और चाहती थी की आपको फांसी हो जाए. पर अब सोच बदल गई है. ये मानती हूं की साल चाहे जितने भी बीत जाएं गुनाह, गुनाह ही रहता है...पर अग़र ग़लती से ग़लती हुई है तो उसके लिए माफ़ी का प्रावधान होना चाहिए.
न्यायपालिका में मेरी पूरी श्रद्धा है. संभवतः इस राष्ट्र में वहीं एक तंत्र है, जिस पर आज भी एक आम इंसान भरोसा कर सकता है. पर इन 13 सालों में मैंने आपका बदलाव देखा है. बहुतों ने देखा हो शायद. इतने बदलाव की लोग आपको सलमान के बजाय भाई कहना पसंद करते हैं. भाई, इस रिश्ते की बहुत अहमियत है, हमारे देश में.
आज जो फैसला आया, उससे दुखी हूं. जिन पीडि़तो का पक्ष रखकर आपके लिए सज़ा की मांग की गई है, उन्हें तो कुछ नहीं मिला...
सरकारी वकील का एक वीडियो देखा. अपील दायर करने वाली मोहतरमा को देखा...सबको देखकर यही लगा की ये केस एक नामचीन इंसान और नामचीन बनने की चाहत रखने वालों के बीच की लड़ाई भर बनकर ही रह गया था.
पीडि़तों की तो कहीं बात ही नहीं हो रही है. सरकारी वकील, बीएमडब्ल्यू, बचाव पक्ष बस यही सब रह गया है. ख़ैर इस देश में शराब पीकर हर रोज़ लाखों लोग गाड़ी चलाते हैं, एक्सीडेंट करते हैं और भाग जाते हैं...
पर आप 13 साल से न्यायपालिका के आदेशों के अनुसार चलते आए हैं...ये आपके उसी व्यवहार का हिस्सा है, जिसकी वजह से देश का एक बड़ा तबका दुखी है.
पांच साल की सज़ा है...बतौर अभिनेता ये लंबा समय है...संभवतः जब आप बाहर आएं तो कट्रीना और रणबीर की शादी हो चुकी हो. कुछ नए चेहरे आपको अपना आदर्श मानकर इंडस्ट्री में पांव जमाने की कोशिश कर रहे हों...लेकिन आप उस दिन भी भाई ही रहेंगे, क्योंकि फिल्में हिट होती हैं और पिटती भी हैं...पर आप भाई हैं...लाखों ऐसे होंगे जिनका आपसे बिन कहा एक रिश्ता हैं...वो उस वक्त भी आपके साथ ही होंगे...
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