कल सुबह-सुबह मोबाइल रिचार्ज हो गया...वो भी अपने-आप। लेकिन ऑफिस जाने की आपाधापी में ये सोचने का मौका नहीं मिला कि ये कैसे हुआ...क्यों हुआ...और किसने करा दिया..। दूसरी बात यह भी थी कि फायदा ही हुआ था...नुकसान नहीं..। नुकसान होता तो शायद जरूर सोचती..दिमाग खर्चती।
रिचार्ज होने के करीब 20 मिनट बाद एक फोन आया..। उठाया..उधर से सीधे एक आवाज आई कि गलती से मेरा पैसा आपके मोबाइल में चला गया है लौटा दो..। मैने कहा भइया मैं कैसे लौटा सकती हूं..जानती थोड़े हूं कि लाकर दे दूं। बोला मेरा मोबाइल रिचार्ज करा दो..मैंने कहा रात को करा दूंगी अभी बहुत जल्दी में हूं..। बोला नंबर नोट कर लो जिस पर कराना है..। मैंने कहा मैसेज कर दो..बोला यह सब तो हमको नहीं आता.;लिख लो..। बिना कलम पकड़े मैंने उसका नंबर हम्मम-हम्म्म्म करके नोट कर लिया। ऑफिस आ गई...पर सच में उसकी आवाज सुनकर ही यह सोच लिया था कि रिचार्ज करा दूंगी...।
ऑफिस में करीब चार बार उसका फोन आया, कराओगी कि नहीं। मैंने कहा सात बजे के बाद करा दूंगी...। जैसे ही सात बजे उसका फोन आ गया..करा दीं..? मैने कहा अभी नहीं..। दुकान पर पहुंची लेकिन वाउचर था मोबाइल से रिचार्ज नहीं हो सकता था। पहले सोचा उसे 14 डिजिट का नंबर लिखकर भेज दूं..फिर सोचा जो मैसेज भेज नहीं सकता वो पढ़ेगा कैसे..। सो उसे दोबारा फोन किया..भइया हुआ नहीं कल करा दूंगी। आज सुबह ही करीब 10 बजे उसका दोबारा फोन आया आज करा देंगी न..करा दीजिएगा। बहुत मुश्किल से कमाए थे...फालतू चला जाएगा।
इस पूरे घटनाक्रम में मेरे दिमाग में सिर्फ एक ही बात आई कि उसे इतना भरोसा क्यो है कि जो सामने वाला है वो उसका मोबाइल रिचार्ज करा देगा..। आज की दुनिया में जब खूने के रिश्ते तक सगे नहीं हैं वो इंसान मुझ पर इतना भरोसा कैसे कर सकता है..। या तो वह दुनियादारी से वाकिफ नहीं होगा या फिर उसके लिए उन तीस रुपयों की कीमत इतनी है कि दो दिन बाद और करीब आठ से दस रुपये फूंककर भी वह अपनी मेहनत की कमाई को किसी दूसरे के लिए खर्च नहीं कर सकता..। आज जबकि हमारे आपके घर के बच्चे तीस रुपये को टॉफी खरीदने के लिए भी कम मानते हैं उसमें यह घटना मेरे लिए वाकई बहुत मायने रखती है।
6 comments:
हा हा हा दिलचस्प घटना , ऐसा हमारे साथ भी पहले हो चुका है :)
ye ghatna mere saath bhi hui thi aur bechara itni baar request kiya ki mujhe hi maaphi mangni padi der se recharge karane ke karan
अब तक तो करा ही दिया होगा आपने!
कुछ लोगों को आपकी पोस्ट पर हंसी आ सकती है लेकिन यह सच मे बहुत ही गंभीर और सोचने को मजबूर करती पोस्ट है। शायद अपने रीचार्ज करा दिया होगा।
सादर
कल दिनांक 14/04/2013 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
इतना भरोसा ...फिर तो करा ही दिया होगा आपने!!
पधारें "आँसुओं के मोती"
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