कल दोनों के बीच जमकर लड़ाई हुई...ऐसा मुझे लगा. लड़ाई इस कदर थी की
मुझे उठकर आना पड़ा और उन्हें डांट लगानी पड़ी.
डांटने के बाद एक उपर जाकर बैठ गई और एक नीचे. रात को मामला शांत
कराया. पर आज की सुबह दोनों की आवाज़ गायब थी. वरना हर रोज़ दोनों सुबह साढ़े पांच
चिल्लाना शुरू कर देती थीं. इतना चिल्लाती थीं की साथ के कमरे में सोने वालों
की भी नींद हराम हो जाती थी और मुझे उन्हें दाना-पानी देकर चुप कराना पड़ता था.
पर आज कोई आवज़ नहीं थी...इसी धोखे में आंख भी नौ बजे खुली. हर रोज की
तरह सबसे पहले उनके पास पहुंची...देखा तो एक जालियों पर बैठा था और दूसरा
उपर..पहला, दूसरे को रह-रहकर हिला रहा था...पर दोनों शांत थे. दूसरा सिर लटकाए बैठा था.
खाना खाने की कोशिश कर रहा था, पर सिर भी नहीं
उठा पा रहा था.
काफी देर तक उसे निहारती रही...वो नहीं उठा. उसे सूरज की रौशनी दिखाई,
ये सोचकर की सूर्य के प्रताप से उसका सिर उठ जाए, पर ऐसा नहीं हुआ और मेरे
देखते-देखते उसके पैर मुड़ गए, उसने सिर डैनों में छिपा लिया और हमेशा के लिए
सो गया.
उसे बाहर निकाला, उसने अपने पैरों को अपनी जगह से उस वक्त तक भी जमा
रखा था. उसे बाहर निकाला, पेपर मे लपेटा और ज़मीन में हमेशा के लिए सुला दिया. उसे
विदा करके लौटी तो दूसरे को देखकर ज़्यादा रोना आया...अकेला...तन्हा. आज उसके
पास लड़ने के लिए कोई नहीं था.
सोचा उसे बोल दूं की तुम भी चले जाओ...अकले रहकर क्या करोगे. आज़ाद
कर दिया, घंटों बैठकर उसे दूर से ही निहारती रही...पर वो गया ही नहीं. मेरी ओर देखा
और चीखना शुरू कर दिया. लगा, इस दुनिया में मेरे अलावा उसका कोई नहीं...
आज मदर्स डे पर मेरा चुन्नू चला गया. लालकिले से ले आई थी उन्हें...
रोज़ का रूटीन बन गया था. मां की तरह उन्हें सुबह नहलाना-धुलाना दाना-पानी देना.
फिर थोड़ी गपशप करना और ऑफिस चले जाना. घर लौटते ही दोनों चीखना शुरू कर देते
थे. मानों दिन भर की रिपोर्ट दे रहे हों.
आज चुन्नू के जाने के बाद मैं और मुन्नू अकेले हैं. चाहकर भी मुन्नू
के लिए चुन्नू की जगह नहीं ले सकती. मुन्नू भी शांत है, उस चाव से न तो खाना खा
रहा है और न ही पानी पी रहा है. बुलाने पर बोल रहा है पर वो उछाह नहीं है...
चुन्नू-मुन्नू मेरी दो प्यारी चिड़िया...जिनका जोड़ा आज बिछड़
गया और मेरा घर सूना हो गया.
6 comments:
मार्मिक,साथ सभी को चाहिये.
मार्मिक,साथ सभी को चाहिये.
मार्मिक,साथ सभी को चाहिये.
मार्मिक,साथ सभी को चाहिये.
मार्मिक,साथ सभी को चाहिये.
बहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति ...!!शुभकामनायें. कुछ अपने विचारो से हमें भी अवगत करवाते रहिये.
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